Monday, January 30, 2012

आज के नारे...


तुम मुझे वोट दो। मैं तुम्हें महँगाई दूँगा।



कुर्सी पाना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।


जब तक सूरज चाँद रहेगा।भ्रष्टाचार का नाम रहेगा।

गरीबों को हटाओ।




आरक्षण दो..वोट लो।


Wednesday, January 18, 2012

शराब चीज ही ऐसी है....

शराब के कारण कुछ समय पहले ही किसी जवान की मौत ने मुझे हिला कर रख दिया था। लाख मना करने पर भी वह इसे छोड़ नही सका।आज उसके परिवार को देखता हूँ तो उसे कोसनें लगता हूँ......अपनी मौज मस्ती व खराब आदत के कारण जाने वाले तो चले जाते हैं....लेकिन पीछे जो रह जाते हैं क्या उनका ध्यान  कभी इस ओर  नही जाता....कि उनके जाने के बाद इनपर क्या गुजरेगी। इस गजल को सुनकर तो ऐसा ही लगता है.......






Monday, January 16, 2012

बिल्लीयां