झूम झूम कर
नाचो आज
गाओ आज
गाओ खुशी के गीत। ओ....
शिव सैना की हार हुई है
और खान की जीत..
गाओ खुशी .....
फिल्म हो गई बहुत जरूरी
महँगाई को चीर..
देश की जनता जाए भाड़ में
भले बहाये नीर...
देश की चिंता छोड़ नेता जी
फिल्म देखने पहुँचे बन कर मीत....
ओ गाओ खुशी के......
आज युवराज को याद आ गए
मुबई में, उत्तर भारत के वीर..
जब पिटते थे भाई बिहारी
बैठे रहे धर धीर...
ओ गाओ खुशी के..
जनता को नित गधा बनाएं
अपने देश के नेता...
झूठे वादे कर बार-बार
वोट तुम्हारी लेता....
जनता को भले मिले ना रोटी....
वो खाएगें खीर......
ओ गाओ खुशी के....
7 टिप्पणियाँ:
भई वाह...क्या खूब लिखा है। वैसे तो आजकल मुंबई या महाराष्ट्रमे हो रही सारी घटनाए `माय नेम इज खान'के प्रमोशनके `रियॅलिटी शो'से जादा नही है। यह केवल एक राजनितीक और व्यवसायी चालबाजी है!
bahut bahut shandaar likha
very good, maza aagaya
maja aaya, achchha likha, sabhi pahluon ko cover karna achchaa laga.
परमजीत जी बहुत अच्छी लगी आप की यह पोस्ट, लेकिन सब सच सच लिखा है आपने, इन नेताओ कि नजर मै जनता तो एक गधे से ज्यादा कुछ नही, धन्यवाद
बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने!
प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई!
समसामयिक विषय पर व्यंग्य करने का प्रयास अच्छा है.
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