"मुझ पर भी किया गया जादू-टोना" इस पोस्ट को पढ़ कर बहुतों ने टिप्पणीयां की। शायद उन्हें लगता है कि ऐसा नही हो सकता । इस लिए सभी ने यही कहा कि यह नही हो सकता।आज के इस मशीनी युग में ,विज्ञान के युग में,इस तरह जादू-टोनों की बात करना। वह भी एक पढे-लिखे इंसान के द्वारा!!यह बात किसी को हजम नहीं हुई। शायद सिवा मेरे! मैं तो मान सकता हूँ कि वह सच कह रहे होगें। उन की बात सच हो सकती है। जबकि मैं जानता हूँ कि मुझे भी हमारे यहाँ हाइ-टेक गण्डे तावीज आदी ... वालों का सुझाव आ जाएगा। लेकिन क्या करूँ?.....मैं जरा अलग ढंग से सोचता हूँ। क्या ऐसा नही हो सकता कि हम अभी इस विषय पर अज्ञानी होनें के कारण या इस विषय की जानकारी ना होनें के कारण इसे नकार रहे हो? हो सकता है यह सच हो?....कल तक जहाजों का उड़ना,मोबाइल से बात करना, दूरदर्शन....सभी कुछ हमारी पहुँच से बाहर था। लेकिन आज सभी कुछ हमारे सामनें है। सम्मोहन द्वारा आज कई देशों -विदेशों में मानसिक रोगीयों का ईलाज किया जा रहा है..हाथों के स्पर्श द्वारा इलाज किया जा रहा है क्या वह सब भी आप नकारते हैं?.....जिस इनसानी दिमाग ने विज्ञान के बड़े-बड़े आयामों को छूआ है जो कभी हमारी सिर्फ कल्पना के दायरों तक सीमित थे आज हमारे सामनें साकार रूप से उपस्तिथित हैं। तो इसे क्यों नकार रहे हैं। उन सभी अविष्कारों का जन्म भी इसी बुद्धि की उपज ही तो है...जो आज इन जादू टोनों को स्वीकार रही है। फिर आप इसे एक्दम से कैसे नकार देते हैं? जिस बात या जानकारी से हम नितांत कोरे होते हैं....उसे ना माननें या नकार देने से वह नही है या नही हो सकती,ऐसा मान लेनें से वह झूठ नही हो जाएगी। यदि वह है तो है...और यदि वह नही है तो हो नही सकती। हम अध्यातम के विषय में कितना जानते हैं...इस मन और इसकी शक्तियों के बारे में कितना जानते हैं अभी?.....शायद बिल्कुल ना के बराबर। यह विषय बहुत गहरा है...इसे समझनें के लिए अभी बहुत समय लगेगा।
4 टिप्पणियाँ:
ह्म्म, बंधुवर जिस पोस्ट पर आई टिप्पणियों की आप बात कर रहें है। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो यह पाया होगा कि पोस्ट में नकारने या समर्थन देने की बात नही कही गई है बल्कि इस बात पर अफसोस जाहिर किया गया है कि एक मुख्यमंत्री स्तर का नेता ऐसा बयान ग्रामीणजन के सामने देता है।
दर-असल सवाल यह है कि एक ऐसा राज्य जिसे पिछड़ा कहा या माना जाता है, वहां ऐसा नेता जो इतना पढ़ा लिखा और आई ए एस रह चुका हो,जिसकी ग्रामीणजनों में पैठ गहरी हो वह ऐसा जादू टोने वाला सार्वजनिक बयान देकर क्या कहना चाहते हैं।
हम अपने आज के आधुनिक ज्ञान विज्ञान के आधार पर ये बातें कह रहे हैं क्यूं कि आधुनिक विज्ञान हमें यही कहता है । पर मन की असीम शक्ती पर तो मेरा भी विश्वास है । और इस पर भी कि ऐसी शक्ती की प्राप्ती केवल असीम एकाग्रता से ही हो सकती है । लेकिन है तो ये दो धारी तलवार ही । इसका इस्तेमाल हम कैसे करते हैं यह सर्वस्वी हम पर निर्भर है ।
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