Tuesday, September 30, 2008

मुझे कुछ ब्लोगरों से शिकायत है

प्रिय ब्लोगर मित्रों,मुझे उन ब्लोगर मित्रों से शिकायत है। जो अपने ब्लोग पर" शब्दपुष्टिकरण" को लगा कररखते हैं।जिस कारण टिप्पणी करनें वाले को काफी परेशानी होती है।ऐसे में टिप्पणी करने वाले का दोगुना समयलगता है।यह बात मुझे स्वयं टिप्पणियां करते समय अनुभव हुई। कई बार पोस्ट पढने के बाद कुछ टिप्पणी करने को मन करत है लेकिन जब शब्दपुष्टिकरण देखते हैं तो बिना टिप्पणी किय ही लौट जाते हैं।जिस से आप को टिप्पणी नही कर पाता।अत: उन ब्लोगर मित्रों से निवेदन है कि वे अपनें ब्लोग पर शब्दपुष्टिकरण ना लगाएं।
इसे हटाने के लिए आप अपने ब्लोग की सेटिग्स पर जाएं।फिर जहाँ टिप्पणियां लिखा है उसे किलकाएं।उस के बाद जहाँ लिखा है टिप्पणियों के लिए शब्दपुष्टिकरण दिखाएं उस के सामनें ही हाँ और नहीं लिखा है।वहाँ पर आप नहीं पर किलकाएं और फिर सेंटिग्स सहेजें पर किलकाएं।बस यह पुष्टिकरण हट जाएगा।यदि आप यह करते हैं तो मैं आप का आभारी रहूँगा :)

नोट:- यह लेख उन के लिए है जो नहीं जानते।

5 टिप्पणियाँ:

मोहन वशिष्‍ठ said...

बहुत अच्‍छी जानकारी और सही जानकारी दी है इसे ऐसा करने से एक तो समय की बचत होगी और परेशानी भी नहीं आएगी किसी को बाकी ब्‍लाग को सुंदर सलीके से सजाया है आपने लग रहा है दीवाली आने ही वाली है ऐसा आपके ब्‍लाग की साफ सफाई को देखते हुए लगा अच्‍छा लगा आपके ब्‍लाग का नया रूप

डॉ .अनुराग said...

theek kaha.......

दिलीप कवठेकर said...

शुक्रिया जानकारी का. जानना , न जानना महत्वपूर्ण नही , यह बात महत्वपूर्ण है.

पहली बार आया आपके यहां. सुंदरता की , सलीके की तारीफ़ करनी होगी.

अरे, आपने क्या खूब लिखा- यहां ’किलकायें ’. भई वाह, क्या बात है.मन प्रसन्न और बाग बाग हुआ.

मस्त मौला जी, आप से मिल प्रसन्नता हुई,

अपनी धुन में रहता हूं,
मैं भी तेरे जैसा हूं.

खूब गुज़रेगी जब मिल बैठेंगे दिवाने दो..

राज भाटिय़ा said...

धन्यवाद

abhivyakti said...

meri post poori hone se pahle hi kisi galti se prakashit ho gayi thi.aapki tippani ke liye dhanyavad
apke sabhi blog vaividhyapoorn hai,iske liye badhai swikar karen.
dr. jaya

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