Wednesday, December 17, 2008

गुलाम देश

जिस देश में
उसी की भाषा को
नकारा जाए।
हिन्दी बोलने वालो को
जाहिल पुकारा जाए।
फिर भी हम कहते फिरे
"मेरा देश महान है।"
लेकिन यह सच नही है।
जो विदेशी भाषा को बोल
सम्मान पाता हो।
वह मेरा देश
आज भी गुलाम है।

11 टिप्पणियाँ:

धीरेन्द्र पाण्डेय said...

आपने सही लिखा है मै आपकी भावना ki क़द्र करता हूँ । जिन अंग्रेजों की गुलामी में भारत 200 साल रहा उसी अंग्रेजों की भाषा आज सर्वोपरि होता जा रहा है और हमारी हिन्दी लुप्त होती जा रही है ...

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Baliji,
Bahut hee sshee bat likhi hai apne apnee kavita ke madhaym se..Hardik badhai.
Hemant Kumar

राज भाटिय़ा said...

वाह वाह क्या बात है, मेरे मन की बात आप ने लिख दी.
धन्यवाद

vimi said...

likha aapne bahut sahi hai. ye ham par hi hai ki english ko ek bhaasha ki tarah hi seekhe aur istemaal karein.

Vinashaay sharma said...

i liked what you said in mastmolla,keep it up

Smart Indian said...

दुखद है!

Arvind Gaurav said...

शायद हिन्दी की लौ कुछ धीमी पड़ती जा रही है ये सही है ...आज के इस इंडिया को हमें फिर से भारत बनाना है ( आप बनायेंगे ,हम बनायेंगे हम सब मिलकर बनायेंगे )अब हिन्दी की रौशनी कम नही होने देंगे। आइये बढ़ते है कदम .....................................................................!

विक्रांत बेशर्मा said...

परमजीत जी...मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ !!!

Renu Sharma said...

bahut khoob likha hai .
shukriya .

दीपक बाबा said...

सही बात है आज अंग्रेजी और हिंग्रेजी का बोल बाला है हम हो अगर दंग से बात करते है तो भइया या पुर्वीय कहे जाते है. ...

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

आप लगातार लिखें, इतने लम्बे ब्रेक न लिया करें.

Post a Comment