जिस देश में
उसी की भाषा को
नकारा जाए।
हिन्दी बोलने वालो को
जाहिल पुकारा जाए।
फिर भी हम कहते फिरे
"मेरा देश महान है।"
लेकिन यह सच नही है।
जो विदेशी भाषा को बोल
सम्मान पाता हो।
वह मेरा देश
आज भी गुलाम है।
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11 टिप्पणियाँ:
आपने सही लिखा है मै आपकी भावना ki क़द्र करता हूँ । जिन अंग्रेजों की गुलामी में भारत 200 साल रहा उसी अंग्रेजों की भाषा आज सर्वोपरि होता जा रहा है और हमारी हिन्दी लुप्त होती जा रही है ...
Baliji,
Bahut hee sshee bat likhi hai apne apnee kavita ke madhaym se..Hardik badhai.
Hemant Kumar
वाह वाह क्या बात है, मेरे मन की बात आप ने लिख दी.
धन्यवाद
likha aapne bahut sahi hai. ye ham par hi hai ki english ko ek bhaasha ki tarah hi seekhe aur istemaal karein.
i liked what you said in mastmolla,keep it up
दुखद है!
शायद हिन्दी की लौ कुछ धीमी पड़ती जा रही है ये सही है ...आज के इस इंडिया को हमें फिर से भारत बनाना है ( आप बनायेंगे ,हम बनायेंगे हम सब मिलकर बनायेंगे )अब हिन्दी की रौशनी कम नही होने देंगे। आइये बढ़ते है कदम .....................................................................!
परमजीत जी...मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ !!!
bahut khoob likha hai .
shukriya .
सही बात है आज अंग्रेजी और हिंग्रेजी का बोल बाला है हम हो अगर दंग से बात करते है तो भइया या पुर्वीय कहे जाते है. ...
आप लगातार लिखें, इतने लम्बे ब्रेक न लिया करें.
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