बहुत दर्द है कमर में ना नींद आती है।
रात भर खाँसी हमको बहुत सताती है।
कोई दवा ना दुआ का असर हो रहा है आज
जब किस्मत फूटती है ऐसी हो जाती है।
मगर लिखने का है जो रोग कुलबुलाता है
बीमारी भी गजल बन के हमको सताती है।
शायद गजल पढ़ किसी की दुआ लग जाये
इसी उम्मीद में बैठें हैं किस्मत क्या दिखाती है।
15 टिप्पणियाँ:
बहुत बढ़िया . बधाई .
यह लो जी टिपण्णी, इसे चार बराबर हिस्सो मे बांट कर सुबह भुखे पेट एक गिलास पानी के संग गटक ले, दुसरी खुराक १० बजे चाय के संग, तीसरी खुराक दोपहर २ बजे लस्सी के संग गटक ले, ओर चोथी खुराक शाम को ६ बजे गिलासी के संग गटक जाये फ़िर देखे केसे बिमारी नही भागती,
शीघ्र स्वस्थ हों , भाटिया जी सलाह पर कड़ाई से अमल करें , ठीक हो जायेंगे । शुभ कामनाएं ।
वाह वाह
ग़ज़लें लिखने की बीमारी तो अच्छी बात है। यह बीमारी तो किसी पुण्यात्मा को ही होती है।
सुबहान अल्लाह!
संक्षिप्त मगर सुन्दर अभिव्यक्ति.
बढ़िया बात लिखी है -
बधाई
दिलचस्प प्रयोग।
मगर लिखने का है जो रोग कुलबुलाता है
बीमारी भी गजल बन के हमको सताती है।
वाह वाह बाली जी अगर लिखने की बिमारी है तो कहूँगी कि लगी ही रहे। बाकी सब के लिये शुभकामनायें।
मगर लिखने का है जो रोग कुलबुलाता है
बीमारी भी गजल बन के हमको सताती है।
वाह भाई वाह... क्या बात है
बीमारी भी हमको गज़ल बनके सताती है...
बहुत खूब
फालो भी कर रही हूं...
आप भी जरूर आएं...
Best Birthday Gifts Online
Birthday Gifts Online
father's day gifts online
personalised father's day gifts online
father's day cakes online
father's day flowers online
father's day gifts from son online
father's day gifts from daughters online
Karwa Chauth Gifts Online
Birthday Gifts Online
Diwali Gifts Online
Bhai Dooj Gifts Online
Online Cake Delivery in India | Order Cake Online | Send Cakes to India - Indiagift
Post a Comment